जनजातीय गौरव दिवस
पर भारतीय भाषा कार्यक्रम, सीएसडीएस द्वारा आयोजित
प्रतिमान-व्याख्यान शृंखला में आपका स्वागत है
जयपाल सिंह मुंडा और आदिवासी पहचान
वक्ता: कमल नयन चौबे
अध्यक्षता: हिलाल अहमद
मंगलवार 15 नवंबर, 2022, शाम 4.30 बजे
व्याख्यान सेमिनार रूम तथा Zoom पर भी होगा
जयपाल सिंह मुंडा आदिवासियों के बीच चेतना जगाने वाले एक प्रमुख ऐतिहासिक किरदार हैं। राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान, संविधान सभा के सदस्य के रूप में और बाद में झारखंड पार्टी के अध्यक्ष और सांसद के रूप में आदिवासी प्रश्न की विशिष्टता पर उन्होंने लगातार बल दिया। आदिवासियों सरोकारों को राष्ट्रवाद की रूपरेखा में आत्मसात कर देने का पुरज़ोर विरोध किया क्योंकि ऐसा करना आदिवासी प्रश्न आसानी से हाशिये पर डालना होता। जयपाल सिंह की राजनीति आदिवासी अस्मिता से प्रेरित थी और उन्होंने 'आदिवासियों के लिए अलग प्रांत' को अपनी राजनीति की बुनियाद बनाया। विचारणीय है कि राष्ट्रवाद के तहत आदिवासी-अधिकारों के लिए जूझते हुए जयपाल सिंह ने परंपरा और आधुनिकता तथा क्षेत्रीयता के अंतर्संबंधों को कैसे समझा और निदान क्या दिए?
कमल नयन चौबे दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग में एसोसियट प्रोफ़ेसर हैं।
हिलाल अहमद सीएसडीएस में एसोसिएट प्रोफ़ेसर हैं।